यूं ही दिन गुजर जायेंगे जय श्री कृष्णा**********यूं ही दिन गुजर जायेंगे ,ये रात ढल जायेंगी।जिंदगी में धीरे धीरे,साल गुजर जायेंगी।।यादें कुछ कड़वी मीठी,पीछे छोड़ जायेगी।कभी प्रेम गीत कभी,प्रीत तोड़ जायेगी।।होंगी कुछ बहारों जैसी, महक छोड़ जायेंगी।कई अश्क मालाओं सी,रश्क छोड़ जायेंगी।।एक एक करके सारीसाल निकल जायेंगी।हंस ले गुनगुना ले यूं हीउम्र निकल जायेगी।।सांझ होगी रात होगी,फिर भोर हो जायेगी।फिर से नए साल की,शुरुआत हो जायेगी।।**********स्वरचित रचनाबृजमोहन मीना प्राचार्य